Saturday, September 11, 2010

Ganeshaa



देवी पारवती के उपटन से रूप जिसने पाया, 
वो जाकर देवताओ का देव गणेश खेलाया.
गणेशजी की क्या मैं भाखन करू,
उनका तो हर रूप निराला है.
अप्पने पराक्रम से उन्हों ने, 
बाड़े बाड़े दुस्तो को संघारा है.
मूषक की शावरी उनकी, मोदक लगे उन्हें प्यारी
परिक्रमा कर मात पिता की कर ए तिरत सारी,
भक्तो की रक्षा करे वो,
जो भी उनको धेयावे,
खुशाली बन कर वो उनके घर अवे.
लम्बोधर विघ्नविनाशक नाम उनका,
पीता शिवजी ने निकला है.
कितने हे भक्तो के उन्हें कास्ट निवारा है.
देवताओ में उनकी आलग पचन है,
परम पुजिनिया है वो यह जुग का विधान है.
करदे सब के घर को रोशन दीपावली पे आए,
गणेश चतुर्थी पर वो सब के कास्ट लजाई .
रहे सादे वो हमारे साथ प्राथना येही करते है,
विघ्न काटे सबके बस असश येही रकत है.
 "गणपति बाप मोरिया मंगल मूर्ति मोरिया".